कैल्शियम डिसल्फराइज़ेशन एक सामान्य और व्यापक रूप से उपयोग की जाने वाली धुएं के गैस प्रदूषण दूसरीकरण प्रौद्योगिकी है, जिसमें मुख्यतः चूना-गिप्सम विधि और चूना विधि शामिल है।
चूना-गिप्सम विधि:
मूलभूत सिद्धांत: चूना पत्थर को डेसल्फराइज़र के रूप में उपयोग किया जाता है और स्लरी में बदला जाता है। अवशोषण टावर में, चूना पत्थर की स्लरी धुएंगीस में सल्फर डाइऑक्साइड के साथ रासायनिक रूप से अभिक्रिया करती है और कैल्शियम सल्फाइट बनाती है। कैल्शियम सल्फाइट को आगे ऑक्सीकृत किया जाता है और कैल्शियम सल्फेट (जिप्सम) में बदल जाता है।
रासायनिक अभिक्रिया सूत्र:
अवशोषण अभिक्रिया: CaO + SO₂ + 1/2H₂O → CaSO₃·1/2H₂O
इस प्रौद्योगिकी परिपक्व है, संचालन विश्वसनीय है, डिसल्फराइज़ेशन की दक्षता उच्च है, अवशोषक संसाधन भरपूर हैं, लागत अपेक्षाकृत कम है, और उत्पाद गिप्सम का व्यापक उपयोग किया जा सकता है।
लाइम पद्धति:
मूलभूत सिद्धांत: लाइम (CaO) को डेसल्फराइज़िंग एजेंट के रूप में उपयोग किया जाता है जिससे लाइम स्लरी बनती है, जो सल्फर डाइऑक्साइड के साथ अभिक्रिया करके कैल्शियम सल्फाइट बनाती है, जिसे फिर से ऑक्सीकृत करके कैल्शियम सल्फेट बनाया जाता है।